जयपुर, राजस्‍थान की राजधानी से लगभग 11 किलो मीटर की दूरी पर आमेर किले का संकुल स्थित है। आमेर का किला दिल्‍ली - जयपुर राजमार्ग की जंगली पहाडियों के बीच अपनी विशाल प्राचीरों सहित नीचे माओटा झील के पानी में छवि दिखाता खड़ा हुआ है।

राजपूत वास्‍तुकला के एक उत्‍कृष्‍ट उदाहरण के रूप में यह कच्‍छवाह शासकों की पुरानी राजधानी था। मूल रूप से यह महल राजा मानसिंह ने बनावाया था और आगे चलकर सवाई जयसिंह ने इस पर कुछ और चीज़ें जोड़ी।

दीवान ए आम या जनता के दरबार का कक्ष महल के अंदर है और दीवान एक खास या निजी श्रोताओं का कमरा और सुख निवास भी महल के अंदर है जहां वातानुकूलन के प्रयोजन हेतु पानी के चैनलों से गुजरती हुई ठण्‍डी हवा बहती है।

रानियों के निजी कक्षों में जालीदार परदों के साथ खिड़कियां हैं ताकि राज परिवार की महिलाएं शाही दरबार में होने वाली कार्रवाइयों को गोपनीयता पूर्वक देख सकें। यहां जय मंदिर भी है, जो शीश महल के साथ काफी प्रसिद्ध है।