बोध गया में स्थित महाबोधि मंदिर का संकुल भारत के पूर्वोत्तर भाग में बिहार राज्‍य का मध्‍य हिस्‍सा है। यह गंगा नदी के मैदानी भाग में मौजूद है। महाबोधि मंदिर बुद्ध भुगवान की ज्ञान प्राप्ति के स्‍थान पर स्थित है। बिहार महात्‍मा बुद्ध के जीवन से संबंधित चार पवित्र स्‍थानों से एक है और यह विशेष रूप से उनके ज्ञान बोध की प्राप्ति से जुड़ा हुआ है।

प्रथम मंदिर तीसरी शताब्‍दी बी. सी. में सम्राट अशोक द्वारा निर्मित कराया गया था और वर्तमान मंदिर पांचवीं या छठवीं शताब्‍दी में बनाए गए। यह ईंटों से पूरी तरह निर्मित सबसे प्रारंभिक बौद्ध मंदिरों में से एक है जो भारत में गुप्‍त अवधि से अब तक खड़े हुए हैं। महाबोधि मंदिर का स्‍थल महात्‍मा बुद्ध के जीवन से जुड़ी घटनाओं और उनकी पूजा से संबंधित तथ्‍यों के असाधारण अभिलेख प्रदान करते हैं, विशेष रूप से जब सम्राट अशोक ने प्रथम मंदिर का निर्माण कराया और साथ ही कटघरा और स्‍मारक स्‍तंभ बनवाया। शिल्‍पकारी से बनाया गया पत्‍थर का कटघरा पत्‍थर में शिल्‍पकारी की प्रथा का एक असाधारण शुरूआती उदाहरण है।