MP NEWS
गंभीर प्रशासनिक चूक! आदिवासी की ज़मीन मामले में SDM को कलेक्टर का नोटिस, अनुशासनहीनता पर उठे सवाल
मध्यप्रदेश के खंडवा से एसडीएम की गड़बड़ी का एक मामला सामने आया है। जिसमें कलेक्टर ने तत्काल एसडीएम को नोटिस थमा दिया और जवाब मांगा है। कलेक्टर ने नोटिस में एसडीएम के कार्य को शासकीय काम में लापरवाही और अनुशासनहीनता माना है और लिखा है क्यों ना आपके (SDM) खिलाफ एक्शन लिया जाए।
असल में, यह मामला एक आदिवासी किसान की जमीन बेचने की इजाजत से संबंधित है। जिले के गुड़ीखेड़ा के एक किसान ने अपनी 9 एकड़ जमीन एक गैर आदिवासी को बेचने के लिए कलेक्टर से अनुमति मांगी थी। कलेक्टर ने आदिवासी किसान के आवेदन को एसडीएम को भेजकर जांच कराने के लिए कहा था। इस मामले में एसडीएम ने तहसीलदार से जांच करवाई।
यह है नियम
जांच के दौरान तहसीलदार की रिपोर्ट और एसडीएम की रिपोर्ट में अंतर पाया गया। तहसीलदार ने बताया कि अगर किसान 9 एकड़ जमीन बेचता है, तो उसके पास केवल 1 एकड़ जमीन बचेगी। नियम के अनुसार, आदिवासी के पास सिंचित जमीन कम से कम 5 एकड़ और असिंचित जमीन कम से कम 10 एकड़ होनी चाहिए।
ऐसे आई सामने आई SDM की गड़बड़ी
एसडीएम ने तहसीलदार की रिपोर्ट को बिना देखे ही कलेक्टर को भेज दिया। उन्होंने आदिवासी किसान के आवेदन को सही माना और जमीन बेचने की अनुमति देने के लिए अनुशंसा कर दी। जब कलेक्टर ने फाइल देखी और तहसीलदार की रिपोर्ट पढ़ी। इसके बाद एसडीएम की गड़बड़ी सामने आ गई।