उत्तर प्रदेश के पांच प्रमुख मेडिकल कॉलेजों पर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना वार्षिक घोषणा पत्र (Annual Declaration Form) समय पर जमा न करने के कारण लगाया गया है। NMC ने चेतावनी दी है कि यदि 9 मई तक जुर्माना और घोषणा पत्र जमा नहीं किया गया, तो इन कॉलेजों की 2025-26 सत्र की एमबीबीएस सीटों को मान्यता नहीं दी जाएगी।

किन कॉलेजों पर जुर्माना

  • इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (BHU), वाराणसी – 100 सीटें
  • महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज, झांसी – 150 सीटें
  • मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज – 200 सीटें
  • स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज, कुशीनगर – 100 सीटें
  • सरस्वती इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हापुर – 250 सीटें

हर साल मेडिकल कॉलेजों को NMC को एक घोषणा पत्र जमा करना होता है, जिसमें संकाय सदस्यों की संख्या, लैब, अस्पताल सुविधाएं और अन्य बुनियादी ढांचे का विवरण देना होता है। इसके आधार पर NMC की टीम मुआयना करती है और एमबीबीएस सीटों को मान्यता देती है।

NMC की अंतिम चेतावनी

NMC ने कॉलेजों को 9 मई तक 3.54 लाख रुपये की फीस + 50 हजार रुपये जुर्माना जमा करने का निर्देश दिया है। यदि समय सीमा का पालन नहीं किया गया, तो 2025-26 सत्र के लिए इन कॉलेजों की एमबीबीएस सीटें फंस सकती हैं, जिससे छात्रों के एडमिशन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।

पिछले साल भी लग चुका है जुर्माना

2023 में भी 18 सरकारी और 19 निजी मेडिकल कॉलेजों पर जुर्माना लगा था। केजीएमयू (लखनऊ), बीएचयू (वाराणसी) और एमएलबी मेडिकल कॉलेज (झांसी) जैसे बड़े संस्थान भी शामिल थे। उस समय सरकारी कॉलेजों पर 87 लाख और निजी कॉलेजों पर 1.36 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था।