दुनिया भर में मंकीपॉक्स का संक्रमण काफी तेजी से फैल रही है. मौजूदा वक्त में पूरी दुनिया के लगभग 75 देशों में मंकीपॉक्स के केस सामने आ चुके हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस बीमारी पर अब वैश्विक आपातकाल की घोषणा कर दी है. इसी कड़ी में अब सरकार ने भी मंकीपॉक्स के लक्षणों पर गाइडलाइन जारी कर दी है. मंकीपॉक्स के रोगियों और उनके संपर्क में आए लोगों के लिए केंद्र सरकार की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

क्या गाइडलाइन जारी की सरकार ने

मंकीपॉक्स पर सरकार ने गाइडलाइन जारी करते हुए कहा था कि, मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर या इसके रोगी के संपर्क में आने पर 21 दिन का आइसोलेशन, मास्क पहनना, हाथ साफ रखना, घावों को पूरी तरह से ढककर रखना और उनके पूरी तरह से ठीक होने का इंतजार करें. बता दें कि, इन दिशानिर्देशों को मई में जारी किया गया था. दिल्ली सरकार ने अपने अस्पतालों और 11 राजस्व जिलों को उनका पालन करने का निर्देश दिया था. 

भारत में सामने आए मामले

भारत में अब कर मंकीपॉक्स के कुल मरीजों की गिनती तार तक पहुंच गई है. देश की राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला केस 24 जुलाई के दिन सामने आया था. मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक  दिल्ली के पहले मंकीपॉक्स रोगी के संपर्क में आए 14 लोगों की पहचान की गई है और उनमें से किसी को भी लक्षण नहीं दिखे हैं. 

मंकीपॉक्स पर घोषित हो चुकी है हेल्थ इमरजेंसी

बता दें कि, हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तेजी से फैलते मंकीपॉक्स के मामलों पर हेल्थ इमरजेंसी घोषित की थी. वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने कहा था कि, 70 से अधिक देशों में मंकीपॉक्स का प्रकोप एक 'असाधारण' स्थिति है जो अब वैश्विक आपातकाल के रूप में योग्य है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस एडनॉम गेरब्रेयियस ने एक बयान में कहा, "डब्ल्यूएचओ का आकलन है कि मंकीपॉक्स का जोखिम विश्व स्तर पर और यूरोपीय क्षेत्र को छोड़कर सभी क्षेत्रों में मध्यम है, जहां हम जोखिम का आकलन करते हैं."

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