साइबर क्राइम में ऐसे कई मामले आए-दिन सामने आ रहे हैं। विदेश में जॉब का झासा देकर युवाओं को बहला-फुसलाकर साइबर ठगी के लिए मजबूर किया जाता है। राज्य साइबर पुलिस मुख्यालय, एमपी ने एडवायजरी जारी की है। जिसमें बताया गया है कि साउथ-ईस्ट एशियाई देशों की कॉल-सेंटर जैसी कंपनियां ऑनलाइन इंटरव्यू और हाई पैकेज का लालच देकर भारतीय युवाओं को बुलाते हैं और उन्हें बुलाकर उनके पासपोर्ट, दस्तावेज जब्त कर लेते हैं।
विदेश में जॉब के नाम पर साइबर ठगी
पीड़ितों के लिए लोन-ऐप, क्रिप्टो घोटाले और ऑनलाइन ठगी कराई जा रही है। सभी कम्युनिकेशन के माध्यम बंद कर दिए जाते हैं। हिंसा की धमकी देकर नकली सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर लोगों को ठगी के लिए मजबूर किया जाता है। अगर कोई भागने की कोशिश करता है तो उसे भारी जुर्माने के साथ प्रताड़ित किया जाता है।
साइबर ठगी लोगों को कैसे फंसाते हैं?
बता दें कि लिक्ंवइडन-टेलीग्राम पर HR के नाम पर जुड़ते हैं और इंटरव्यू कॉल के लिए बोलते हैं। साथ में टिकट-वीजा का प्रलोभन देकर और रहने-खाने का खर्च का दावा भी करते हैं। जैसे ही लोग देश से निकलते हैं उनके पासपोर्ट-दस्तावेज छीन लिए जाते हैं। अगर पीड़ित वहां से भागने की कोशिश भी करते हैं तो भारी जुर्माने की बात करते हैं।
साइबर ठगी से ऐसे करें बचाव
1. बता दें कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या अनजान एजेंसियों से मिली विदेशी नौकरी ऑफर तुरन्त वेरिफाई करें।
2. किसी भी दस्तावेजों पर साइन करने से पहले भारतीय दूतावास पोर्टल से काउंसिलिंग करवा लें।
3. विदेश में रह रहे रिश्तेदार-दोस्त से जमीन-जायदाद गिरवी न रखवाएं।
4. विदेश जाने के लिए टिकट वीजा खुद बुक करें।
5. संदिग्ध एजेंट या पीड़ित व्यक्ति की सूचना मिलते ही www.cybercrime.gov.in या टोल फ्री नंबर 1930 पर तुरन्त कम्प्लेन करें।
साइबर पुलिस की अपील
बता दें कि राज्य साइबर पुलिस के अलावा पुलिस महानिदेशक(एडीजी) योगेश देशमुख ने युवाओं से अपील की है कि, हाई-पैकेज का सपना दिखाने वाले प्रत्येक लिंक पर क्लिक न करें। एक बार फंस गए तो फैमिली को बचाने में पूरी जिंदगी उजड़ जाएगी।