Indore News : बीजेपी के एक नेता ने कहा है कि नवरात्रों में लगने वाले गरबा पंडालों में गोमूत्र पिलाकर ही एंट्री दी जानी चाहिए। बीजेपी के यह नेता इंदौर जिले के अध्यक्ष हैं और उनका नाम चिंटू वर्मा है। चिंटू वर्मा ने गरबा पंडालों के आयोजकों से यह आग्रह किया है और कहा है कि गोमूत्र पीने से कोई भी हिंदू इनकार नहीं कर सकता।
कांग्रेस नेता के बयान पर सवाल उठाते हुए इसे ध्रुवीकरण की कोशिश बताया है। याद दिलाना होगा कि बीते कुछ सालों में गरबा में प्रवेश को लेकर तमाम तरह के सवाल उठे हैं।और गुजरात में गरबा पंडालों में प्रवेश को लेकर मारपीट की घटनाएं भी हुई हैं।
बीजेपी के जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सनातन धर्म में आचमन का विशेष महत्व है। हिंदू रीति-रिवाजों के मुताबिक, किसी भी धार्मिक अनुष्ठान को शुरू करने से पहले मंत्रों का उच्चारण करते वक्त शुद्धिकरण के लिए हाथ में थोड़ा सा पानी लेना होता है, इसे ही आचमन कहा जाता है।
चिंटू वर्मा से जब यह पूछा गया कि वह गोमूत्र पिलाने की बात क्यों कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि कभी-कभी कुछ ऐसे लोग इन कार्यक्रमों में शामिल हो जाते हैं जिससे कई तरह की बातें सामने आती हैं। अपने तर्क को और मजबूती से रखते हुए चिंटू वर्मा ने कहा किको एडिट किया जा सकता है लेकिन अगर कोई व्यक्ति हिंदू है तो वह गरबा पंडाल में तभी प्रवेश करेगा जब वह गोमूत्र का आगमन करेगा और गोमूत्र को अस्वीकार करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।
चिंटू वर्मा के बयान के जवाब में कांग्रेस के प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा कि बीजेपी नेता गौशालाओं की बेहद खराब हालत पर चुप्पी साधे हुए हैं और गरबा में प्रवेश के मामले का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं। शुक्ला ने कहा कि गोमूत्र के आचमन की मांग करना बीजेपी की ध्रुवीकरण की राजनीति का नया हथकंडा है। उन्होंने यह भी मांग की कि बीजेपी के नेताओं को पहले खुद गोमूत्र पीना चाहिए और इसके वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने चाहिए।
मध्य प्रदेश में बीते साल भी नवरात्रि के दौरान कई जगहों पर गरबा पंडालों के अंदर गैर हिंदुओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस दौरान गरबा पंडालों में बैनर और पोस्टर लगाए गए थे और कई जगह से ऐसी खबरें सामने आई थी कि लोगों को तिलक लगाकर आधार कार्ड देखकर और हाथ में कलावा बांधकर ही प्रवेश दिया जा रहा है। साल 2022 में नवरात्रि में गरबा पंडालों में प्रवेश के दौरान उज्जैन से समुदाय विशेष के लोगों की पिटाई के वीडियो भी सामने आए थे।
मध्य प्रदेश जैसी ही एक घटनाके भीलवाड़ा से भी सामने आयी है। यहां बजरंग दल ने गरबा पंडालों का आयोजन करने वाली समितियों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर गरबा पंडालों में प्रवेश के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है।