एलिफेंटा को घारापुरी के पुराने नाम से जाना जाता है जो कोंकणी मौर्य की द्वीप राजधानी थी, यह तीन शीर्ष वाली महेश मूर्ति की भव्य छवि के लिए जाना जाता है, जिनमें से प्रत्येक एक अलग रूप दर्शाता है। एलिफेंटा की गुफाएं मुम्बई महानगर के पास स्थित पर्यटकों का एक बड़ा आकर्षण केन्द्र हैं। एलिफेंटा द्वीप महाराष्ट्र राज्य के मुम्बई में गेटवे ऑफ इंडिया से 10 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। गुफा में बना यह मंदिर भगवान शिव का समर्पित है, जिसे राष्ट्र कूट राजाओं द्वारा लगभग 8वीं शताब्दी के आस पास खोज कर निकाला गया था, जिन्होंने ए. डी. 757 - 973 के बीच इस क्षेत्र पर राज्य किया।
एलिफेंटा की गुफाएं 7 गुफाओं का सम्मिश्रण हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण है महेश मूर्ति गुफा। गुफा के मुख्य हिस्से में पोर्टिकों के अलावा तीन ओर से खुले सिरे हैं और इसके पिछली ओर 27 मीटर का चौकोर स्थान है और इसे 6 खम्भों की कतार से सहारा दिया जाता है। "द्वार पाल" की विशाल मूर्तियां अत्यंत प्रभावशाली हैं।
इस गुफा में शिल्प कला के कक्षो में अर्धनारीश्वर, कल्याण सुंदर शिव, रावण द्वारा कैलाश पर्वत को ले जाने, अंधकारी मूर्ति और नटराज शिव की उल्लेखनीय छवियां दिखाई गई हैं।
इस गुफा संकुल को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत का दर्जा दिया गया है।