MP Jabalpur High Court Notice: ऑनलाइन ठगी और साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं को लेकर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, गूगल, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट और शाओमी जैसी बड़ी तकनीकी कंपनियों से जवाब मांगा है। जबलपुर निवासी एडवोकेट अमिताभ गुप्ता द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इन सभी को नोटिस जारी किया है और तीन सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि देशभर में लाखों लोग हर दिन मोबाइल एप्स और कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के जरिए ऑनलाइन ठगी के शिकार हो रहे हैं, और इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि भारत में किसी भी डिजिटल एप के लाइव होने से पहले उसकी वैधता की जांच नहीं की जाती।
नई रेग्युलेटरी एजेंसी की मांग
एडवोकेट अमिताभ गुप्ता ने कोर्ट में दलील दी कि सरकार को एक स्वतंत्र रेग्युलेटरी एजेंसी बनानी चाहिए जो डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लांच होने से पहले सभी मोबाइल एप्स और सॉफ्टवेयर की वैधता और सुरक्षा का परीक्षण करे। उनका कहना है कि जब तक ऐसा तंत्र नहीं बनता, तब तक आम नागरिक ऑनलाइन फ्रॉड से बच नहीं सकते।
कोर्ट ने माना याचिका में उठाया गया मुद्दा गंभीर
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) की डिवीजन बेंच, जिसमें चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन शामिल थे, ने याचिका में उठाए गए बिंदुओं को गंभीरता से लिया और तत्काल नोटिस जारी करते हुए कहा कि केंद्र सरकार और तकनीकी कंपनियों को यह बताना होगा कि वे नागरिकों को डिजिटल धोखाधड़ी से बचाने के लिए क्या कदम उठा रही हैं।
डिजिटल इंडिया के युग में सुरक्षा सबसे जरूरी
यह मामला इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि भारत आज डिजिटल इंडिया की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। सरकारी सेवाएं, बैंकिंग, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी तमाम सुविधाएं ऑनलाइन माध्यमों पर निर्भर होती जा रही हैं। ऐसे में यदि एप्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाती, तो इससे जनता का भरोसा डिजिटल माध्यमों से उठ सकता है।
कोर्ट (MP High Court) ने निर्देश दिया है कि सभी अनावेदक – केंद्र सरकार सहित गूगल इंडिया, एप्पल इंडिया, माइक्रोसॉफ्ट और शाओमी टेक्नोलॉजी – तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब प्रस्तुत करें। इसके बाद मामले की अगली सुनवाई की जाएगी।