यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने वाला हर उम्मीदवार आज के समय में डॉ विकास दिव्यकीर्ति सर को जानता है. देशभर के यूपीएससी उम्मीदवार दृष्टि आईएएस कोचिंग के फाउंडर विकास दिव्यकीर्ति सर से पढ़ने का सपना देखते हैं। दरअसल, विकास सर पिछले कई सालों से यूपीएससी उम्मीदवारों को कोचिंग देते आ रहे हैं। उनमें से कई उम्मीदवार आज आईएएस व आईपीएस का पद हासिल कर चुके हैं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि विकास सर ने खुद कब यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की थी और उनकी क्या रैंक थी? अगर नहीं, तो आज हम आपको उनकी यूपीएससी जर्नी के बारे में विस्तार से बताएंगे।
क्या थी विकास दिव्यकीर्ति की यूपीएससी में रैंक?
दरअसल, विकास दिव्यकीर्ति ने 1996 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू की थी। इस दौरान उन्होंने हिस्ट्री (History) को अपने ऑप्शनल सब्जेक्ट के तौर पर चुना। वहीं, उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही परीक्षा क्रैक कर डाली और ऑल इंडिया 384वीं रैंक हासिल की। इसके बाद उन्हें CISF में असिस्टेंट कमांडेंट की पोस्ट दी गई। हालांकि, कुछ मेडिकल कारणों की वजह से उन्हें सेंट्रल सेक्रेटेरियल सर्विस ऑफर की गई।
UPSC क्रैक करने के बावजूद दिए अटेंप्ट
हालांकि, विकास सर ने सर्विस जॉइन करने के बजाय दोबारा यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला किया। लेकिन इस बाद उन्होंने अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट हिस्ट्री से बदलकर सोशियोलॉजी (Sociology) कर लिया। हालांकि, वह अपने दूसरे अटेंप्ट में मेंस परीक्षा क्लियर नहीं कर पाए और तीसरे अटेंप्ट में वह इंटरव्यू राउंड तक तो पहुंचे लेकिन उनका सेलेक्शन नहीं हो पाया।
दो साल बाद जॉइन की सर्विस
इसके बाद जून 1999 में उन्होंने सेंट्रल सेक्रेटेरियल सर्विस जॉइन कर ली। यहां उन्हें राजभाषा विभाग में डेस्क जॉब ऑफर की गई। लेकिन विकास सर ने यहां केवल 4 से 5 महीने ही काम किया और फिर उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। नौकरी छोड़ने के बाद विकास सर ने स्टूडेंट्स को कोचिंग देना शुरू कर दिया।
आखिरी अटेंप्ट में मिली असफलता
हालांकि, विकास सर के अंदर यूपीएससी की भूख अब भी बाकी थी, इसलिए उन्होंने करीब 4 साल बाद 2003 में अपना आखिरी अटेंप्ट दिया, लेकिन इस बार भी उनका फाइनल सेलेक्शन नहीं हुआ।
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