इंदौर । स्वच्छता में पंच लगाने के लिए इंदौर ने कमर कस ली है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 के तहत होने वाला वॉटर प्लस का सर्वे शहर में शुरू हो गया है। सर्वे के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की टीम इंदौर पहुंच चुकी है और लगातार नगर निगम की तैयारियों को देख रही है। वाॅटर प्लस के सर्वे के बाद मिलने वाले नंबर बहुत कुछ तय करेंगे कि इंदौर पंच लगाए या नहीं। 700 अंक की यह कटेगरी मुख्य सर्वेक्षण में काफी अहम रोल निभाएगी।
नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि हमने वाटर प्लस सर्वे की सारी तैयारियां कर ली थी। इस बार के मुख्य मापदंड हैं, वे वाटर प्लस और ओडीएफ डबल प्लस का अगल स्टेज है। इसमें जितने भी घर, कम्यूनिटी टॉयलेट, पब्लिक टॉयलेट, यूरीनल्स हैं, वे या तो सीवर से जुड़े होने चाहिए या फिर सेप्टिक टैंक होना चाहिए। इस समय टोटल सीवर का 30 फीसदी हम रीट्रीट करके रीयूज कर रहे हैं। जो भी टॉयलेट हैं, वे प्रॉपर मेंटेन हों, यही सब बातों को टीम देख रही है।
नगर निगम ने वाटर प्लस के लिए साढ़े 3 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर नाला टेपिंग का काम किया है। इसके अलावा सार्वजनिक शौचालय में साफ-सफाई के साथ ही लाइट को भी दुरुस्त किया है। इसके अलावा नदी नालों की सफाई के साथ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर भी काफी खर्च किया है। पूरे सर्वे को खुद निगमायुक्त लगातार मॉनिटरिंग कर रही हैं। बता दें कि वॉटर प्लस सर्वे के लिए टीम मार्च में इंदौर आई थी, लेकिन कोरोना संक्रमण बढ़ता देख बिना सर्वे के ही वापस लौट गई थी। सेवन स्टार के लिए एक टीम पहले ही सर्वे कर लौट चुकी है। वॉटर प्लस का सर्वे के बाद ही स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणाम घोषित किए जाएंगे।