इंदौर में स्मार्ट सिटी के कई प्रोजेक्ट पर काम कर रही अहमदाबाद (Ahmedabad) की तीर्थ गोपीकॉन कंपनी (Tirth Gopicon Company) अब जांच के घेरे में है। कंपनी पर आरोप है कि उसने जल निगम (Jal Nigam) से टेंडर लेने के लिए 184 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी (fake bank guarantee) दी।
इस मामले में मप्र (Madhya Pradesh ) हाई कोर्ट (High Court) की जबलपुर खंडपीठ (Jabalpur Bench) ने CBI जांच के आदेश दिए हैं और 30 जून तक रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई (CBI) की जांच से ये साफ होगा कि कंपनी ने जानबूझकर फर्जीवाड़ा (fraud) किया या वह खुद ठगी का शिकार हुई है।
खुद को बैंक अधिकारी बताकर दी फर्जी गारंटी
दरअसल, मध्यप्रदेश जल निगम ने पानी से जुड़े प्रोजेक्ट (project) के लिए टेंडर निकाले थे। कंपनी से 184 करोड़ की ई-बैंक गारंटी (E-Bank Guarantee) मांगी गई थी। जब कंपनी ने गारंटी जमा की, तो बाद में उस पर सवाल उठे। इसके बाद जल निगम ने नोटिस दिया। इस पर तीर्थ गोपीकॉन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उन्हें तो खुद धोखा मिला है और एक शख्स ने खुद को बैंक अधिकारी बताकर फर्जी गारंटी दी।
CBI पूरे मामले की जांच कर सच सामने लाएं
एडवोकेट सिद्धार्थ शर्मा (Advocate Siddharth Sharma) ने कोर्ट में बताया कि बैंक गारंटी देने वाला व्यक्ति खुद को अधिकारी बताकर कंपनी को गुमराह कर गया। इस मामले को लेकर 20 मार्च 2023 को इंदौर (Indore) के रावजी बाजार थाने (Raoji Bazaar Police Station) में भी शिकायत दर्ज कराई गई थी, जो कि कोलकाता की पीएनबी ब्रांच (Kolkata PNB Branch) से जुड़ी बताई जा रही है। इस पर कोर्ट ने सीबीआई से पूरे मामले की जांच करने और सच सामने लाने को कहा।
कंपनी को पहले भी मिल चुका है बड़ा टेंडर
इसी कंपनी ने हाल ही में इंदौर में 455 करोड़ रुपए में 17 एकड़ जमीन का टेंडर जीत लिया। ये जमीन महू नाका (Mahu checkpoint) (एमओजी लाइन) इलाके में है। स्मार्ट सिटी बोर्ड (smart city board) की 1 मई को हुई बैठक में इस डील को मंजूरी भी मिल गई है। इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह (Collector Ashish Singh) ने इस रकम से कई बड़ी सड़कों और मास्टर प्लान के काम शुरू करने का ऐलान किया है।