नई दिल्ली. मोदी सरकार ने घरेलू प्राकृतिक गैस की कीमत तय करने के लिए नए फॉर्मूले को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग के दौरान कई महत्वपूर्ण बड़े फैसले लिए गए। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में नेचुरल गैस की कीमत तय करने के लिए नए फॉर्मूले के तहत 2014 की गाइडलाइंस में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है। इस फॉर्मूले से सीएनजी व पीएनजी के दाम 10 फीसदी तक घट जाएंगे। इस फैसले से गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में भारी बढ़ोतरी से होने वाले नुकसान से ग्राहक को छुटकारा मिलेगा।
सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कैबिनेट ने संशोधित घरेलू गैस मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों को मंजूरी दी है। कैबिनेट में कहा गया है कि शासन में स्थिर मूल्य निर्धारण सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएं और प्रतिकूल बाजार में उतार-चढ़ाव से उत्पादकों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करें। अनुराग ने बताया कि पारंपरिक क्षेत्र से उत्पादित प्राकृतिक गैस (एपीएम) को अब अमरीका-रूस की तरह कच्चे तेल की कीमतों से जोड़ा जाएगा। पहले गैस कीमतों के आधार पर मूल्य तय होता था। अब एपीएम गैस की कीमत भारतीय बास्केट में कच्चे तेल के दाम का 10 फीसदी होगी।
यह कीमत 6.5 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश ताप इकाई (एमएमबीटीयू) से अधिक नहीं होगी। आधार मूल्य 4 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू रखा गया है। मौजूदा गैस कीमत 8.57 डॉलर है। नए फॉर्मूले में दो साल तक सीलिंग फिक्स रहेगी। फिर 0.25 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू की प्रतिवर्ष बढ़ोतरी होगी। सीएनजी-पीएनजी की कीमतों का निर्धारण अब हर महीने होगा। अभी दरें हर छह महीने में तय होती हैं।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने बताया कि नए फार्मूले के तहत गैस की कीमत तय होने से उर्वरक और पावर सेक्टर को भी सस्ती गैस मिलेगी। इसके साथ ही फर्टिलाइजर सब्सिडी भी कम होगी। सचिव पंकज जैन के मुताबिक कैबिनेट ने जिस नए फार्मूले को मंजूरी दी है वो मोटे तौर पर ONGC और ऑयल इंडिया की गैस पर लागू होंगी। डीप वाटर और अल्ट्रा डीप वाटर, हाई प्रेशर- हाई टेंपरेचर एरिया के लिए कीमत तय करने के फार्मूले में कोई बदलाव नहीं किया गया है।