वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को वैशाख अमावस्या के नाम से जाना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और स्नान-दान करना शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान-दान करने से व्यक्ति से सभी पाप दूर हो जाते हैं और कष्टों से भी मुक्ति मिलती है। पूजा-पाठ के अलावा वैशाख अमावस्या पितरों की कृपा पाने और पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पूर्वज धरती पर आते हैं। कहते हैं कि अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है, तो उन्हें वैशाख अमावस्या के दिन कुछ उपाय जरूर करना चाहिए। ऐसे में अगर आप भी पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं और पितृ दोष से छुटकारा पाना चाहते हैं को इस दिन कुछ उपायों को अवश्य करें। तो आइए जानते हैं वैशाख अमावस्या पर कौन-कौन से उपाय करने चाहिए।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, पीपल का पेड़ बहुत पूजनीय होता है। इसमें त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु और शिव का वास माना जाता है, साथ ही पितरों का भी। ऐसे में वैशाख अमावस्या के दिन सुबह-सुबह पीपल के पेड़ की जड़ में काले तिल डालकर जल चढ़ाएं। शाम को उसी पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाएं। मान्यता है कि इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और पितृ दोष से मुक्ति भी मिलती है।
अमावस्या के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है। ऐसे में इस दिन शुद्ध मन से किसी ब्राह्मण को भोजन कराना बहुत पुण्यकारी होता है। यह भोजन पितरों के नाम पर कराया जाता है। भोजन के साथ कुछ दान – जैसे वस्त्र, अनाज, तिल, या दक्षिणा – भी देना चाहिए। ऐसा करने से पितृ तृप्त होते हैं और प्रसन्न होकर अपने वंशजों को सुख और सफलता का आशीर्वाद देते हैं। खासकर पितृ दोष से परेशान लोगों को यह उपाय जरूर करना चाहिए।
अमावस्या के दिन जरूरतमंद और गरीब लोगों को भोजन, कपड़े, अन्न या धन का दान करें। यह दान पितरों की स्मृति में होना चाहिए। इससे न सिर्फ आपके पूर्वज खुश होते हैं, बल्कि आपके जीवन में आने वाली बाधाएं भी दूर होती हैं। साथ ही, इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में शांति आती है।
वैशाख अमावस्या पर पितरों का तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन अगर आप पवित्र नदी या किसी तीर्थ स्थल पर जाकर यह कार्य करेंगे, तो इससे उसका और भी ज्यादा फल मिलता है। तर्पण करते समय ‘पितृदेवो भव’ बोलते हुए अपने पितरों को श्रद्धांजलि दें। इसके अलावा, इस दिन कौवों और कुत्तों को भोजन कराना भी पितरों को तृप्त करता है, क्योंकि मान्यता है कि अमावस्या पर पूर्वज इन रूपों में आते हैं।
वैशाख अमावस्या के दिन भगवान विष्णु की पूजा करना भी बहुत शुभ माना जाता है। विष्णु जी की पूजा से घर में सुख-शांति बनी रहती है और दरिद्रता दूर होती है। इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें या ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।