Pahalgam terror attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए नरसंहार के बाद देश में गम और आक्रोश है। इस भीषण आतंकी हमले के बाद भारत सरकार और भारतीय सेना एक्शन में है। हमले को लेकर जांच जारी है। जांच में कई सनसनीखेज खुलासे भी हो रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, आतंकवादी लगभग 20-22 घंटे तक घने जंगलों में चलने के बाद पहलगाम की बैसरन घाटी पहुंचे थे। AK-47 और M4 राइफल से लैस ये आतंकी पहलगाम में पहुंचे थे। जहां उन्होंने खास तौर पर हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाते हुए नरसंहार किया। इस हमले में चार आतंकी शामिल थे। तीन पाकिस्तान से और एक स्थानीय व्यक्ति शामिल था। जो पहले पाकिस्तान जाकर ट्रेनिंग ले चुका है। सुरक्षा एजेंसियां सख्त एक्शन में हैं और देश पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा कदम उठाने की मांग कर रहा है।
आतंकी हमले की जांच में चौंकाने वाले खुलासे
पहलगाम आतंकी हमले की जांच जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को सौंपी गई है, जो सख्त एक्शन में हैं। गृह मंत्रालय के आदेश के बाद NIA ने जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार आतंकी लगभग 20-22 घंटे तक जंगलों में छिपे रहे और बैसरन घाटी पहुंचे। इसके बाद उन्होंने पर्यटकों को निशाना बनाया था। इस दौरान आतंकियों ने एक पर्यटक और स्थानीय व्यक्ति का मोबाइल भी छीना था। हमले में चार आतंकी शामिल थे, तीन पाकिस्तान से और एक स्थानीय, जिसकी पहचान आदिल ठोकर के रूप में हुई।
आधुनिक हथियारों से लैस होकर पहुंचे थे आतंकी
घटना स्थल पर बरामद कारतूस और फोरेंसिक जांच से पुष्टि हुई है कि आतंकियों ने एके-47 और एम4 असॉल्ट राइफल जैसी आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल किया था। यह हमले वाली जगह से बरामद किए गए कारतूस सबूत के तौर पर बहुत महत्वपूर्ण हैं।
वहीं, सुरक्षाबल आतंकियों की तलाश में तेजी से अभियान चला रहे हैं, कई लोग हिरासत में लिए गए हैं. देशभर में लोग पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार एक्शन की मांग कर रहे हैं।
हमले का वीडियो बना जांच की बड़ी कड़ी
एनआईए के जांच में यह भी सामने आया है कि आतंकवादी जब लोगों को गोली मार रहे थे तक एक स्थानीय फोटोग्राफर ने हमले का वीडियो बनाया था। घटना के वक्त एक स्थानीय फोटोग्राफर पेड़ पर चढ़ गया और उसने पूरा हमला रिकॉर्ड किया। यह वीडियो NIA के लिए एक महत्वपूर्ण साक्ष्य बन चुका है, जिससे आतंकियों की गतिविधियों की टाइमलाइन स्पष्ट हो रही है।
आतंकियों की सूचना देने वाले को इनाम की घोषणा
बता दें कि भारतीय सेना ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। जांच एजेंसियां साजिशकर्ताओं को पकड़ने के लिए तेजी से कार्रवाई कर रही हैं। जानकारी जुटाने और दहशतगर्दों तक पहुंचने के लिए एक्शन जारी है। अब आतंकियों की सूचना देने वाले को 20 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की गई है।
चश्मदीद बने सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल
इम हमले एक और चश्मदीद सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल भी हैं, जो परिवार के साथ वहां मौजूद थे, उन्होंने हमले को नजदीक से देखा और जांच एजेंसी को महत्वपूर्ण सुराग दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, वह जम्मू-कश्मीर में लेफ्टिनेंट कर्नल में तैनात हैं, और उन्होंने इस हमले को लेकर जांच एजेंसी को अहम जानकारी दी।
पहली पुलिस कॉल और रेस्पॉन्स
आंतकी हमले के बाद लेफ्टिनेंट विनय नारवाल की पत्नी हिमांशी नारवाल ने पुलिस को पहला कॉल 2:30 बजे किया था। पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक आतंकी फरार हो चुके थे। हिमांशी ने पुलिस को बताया था कि उसके पति विनय नारवाल को गोली मार कर हत्या की गई है। घटनास्थल पर सबसे पहले पहलगाम के स्टेशन हाउस ऑफिसर पहुंचे थे।
कौन आतंकी आदिल ठोकर?
इस बड़े आतंकी हमले में अनंतनाग के रहने वाले आदिल थोकर का नाम सामने आया है। आदिल आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़ा रहा है। जो कट्टर बनने के बाद साल 2018 में वैध दस्तावेजों के दम पर पाकिस्तान चला गया था, जहां उसने लश्कर-ए-तैयबा से ट्रेनिंग ली। इसके बाद वह कश्मीर लौट आया। इसके बाद वह आतंकियों का मददगार बन गया।