इंदौर दूध विक्रेता संघ ने सितंबर से दूध के दामों में किसी भी तरह की कटौती करने से इनकार कर दिया है। संघ की शनिवार को हुई बैठक में संघ के अध्यक्ष भारत मथुरावाला ने कहा कि मौजूदा स्थिति में दामों में कटौती संभव नहीं है। बारिश की कमी के बाद दूध उत्पादक किसानों को हरे चारे की कमी हो रही है। खली के दाम भी बढ़ रहे हैं। उत्पादन लागत ऊंची होने से विक्रेता भी पूर्व के अनुसार ही किसानों से 8.40 रुपये प्रति फैट की दर से दूध खरीद रहे हैं। ऐसे में बंदी वाला दूध शहर में 58 रुपये और पैकिंग खर्च के साथ 61 रुपये लीटर बेचा जाएगा।
दो दिन पहले दूध व्यवसायी संघ ने दूध के दामों में दो रुपये लीटर की कमी करने का ऐलान किया था। हालांकि, विक्रेता संघ के इनकार के बाद अब इंदौर में दूध के दाम घटने की उम्मीद नहीं है। दूसरी ओर दूध विक्रेता संघ ने मांग की है कि दूध के उत्पादक किसानों को शासन की ओर से पांच प्रतिशत की दर से सब्सिडी दी जाना चाहिए।
विक्रेता संघ के अध्यक्ष भारत मथुरावाला के अनुसार, कांग्रेस ने पहले इसे अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था, लेकिन सरकार बनने के बाद अमल नहीं किया। अब हम भाजपा की चुनाव घोषणा पत्र समिति के सदस्यों से मिल रहे हैं। मांग कर रहे हैं कि दूध उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए दूध किसानों को सब्सिडी दी जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि हर साल मार्च और सितंबर में दूध के दाम निर्धारित किए जाते हैं। मार्च में दाम बढ़ते हैं और सितंबर में कमी किए जाने का चलन रहा है।