उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसानों को उनकी जमीन का उचित लाभ दिलाने के उद्देश्य से बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने डीएम सर्किल रेट बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और प्रदेश के 42 जिलों में इसे पुनरीक्षित कर लागू किया जा रहा है।
सरकार को भी होगा राजस्व लाभ
इस फैसले से किसानों को जहां उनकी जमीन का उचित बाजार मूल्य मिलेगा, वहीं राजस्व वृद्धि के जरिए राज्य सरकार के खजाने को भी मजबूती मिलेगी।
इन 42 जिलों में लागू हो रही नई दरें
इन जिलों में गाजियाबाद, अमरोहा, मथुरा, संभल, पीलीभीत, कानपुर नगर, मुरादाबाद, बरेली, गाजीपुर, चंदौली, देवरिया, भदोही, मऊ, फिरोजाबाद, बिजनौर सहित कुल 42 जिले शामिल हैं। इनमें से कई जिलों में नए सर्किल रेट के आधार पर संपत्तियों की रजिस्ट्री शुरू भी कर दी गई है।
सीएम योगी ने दिए थे निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष स्टांप एवं निबंधन विभाग ने यह प्रस्ताव पेश किया था, जिसे मुख्यमंत्री ने सैद्धांतिक मंजूरी देते हुए निर्देश दिए कि सर्किल रेट में वृद्धि इस तरह हो कि किसानों का शोषण न हो और उन्हें उसका उचित लाभ मिल सके।
सर्किल रेट तय करने की प्रक्रिया
उत्तर प्रदेश स्टांप द्वितीय संशोधन नियमावली-2013 के अनुसार, जिलाधिकारी (डीएम) हर वर्ष अगस्त में जिले की कृषि व अकृषक भूमि का न्यूनतम मूल्य तय करते हैं। जरूरत पड़ने पर वर्ष के मध्य में भी पुनरीक्षण किया जा सकता है।
मंत्री का बयान
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), स्टांप एवं न्यायालय शुल्क पंजीयन, रवींद्र जायसवाल ने जानकारी दी कि 42 जिलों में सर्किल रेट का पुनरीक्षण पूरा कर लिया गया है और अधिकांश जिलों में नई दरों पर रजिस्ट्री प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
उत्तर प्रदेश सरकार की योगी कैबिनेट ने ट्रांसफर पॉलिसी 2025 को लेकर बड़ा निर्णय लिया है। नई नीति के तहत 15 मई से 15 जून के बीच ही सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के तबादले किए जा सकेंगे।